उपनिषद् की कथाए
बुरे का अंत बुरा
खनित्र जैसे धर्मात्मा, सदाचारी नीतिवान और परोपकारी राजा को पाकर प्रजा अत्यंत प्रसन्न थी।उनकी देख रेख में राज्य के सभी कार्य व्यवस्थित और सुचारू रूप से होते थे।उन्होंने प्रजा की सुविधाओ को ध्यान में रखते हुए अनेक कल्याणकारी कार्य किये थे।
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